जानिए रहने के लिए दिल्ली से कैसे बेहतर था उज्जैन और अब आगे क्या तैयारी

आरामदायक रहने योग्य शहरों में दिल्ली से बेहतर था उज्जैन, इब बार फिर करेंगे दावा, इज ऑफ लिविंग सर्वे में भागीदारी कर रहा शहर

उज्जैन. चोड़ी सड़क, सुरक्षा, अपेक्षित सस्ता और अन्य कई खुबियों के सहारे उज्जैन एक बार फिर इज ऑफ लिविंग (आरामदायक रहने योग्य ) सर्वे की दौड़ में शामिल है। पिछले सर्वे में उज्जैन ने एेसी ही कुछ खुबियों के कारण राजधानी दिल्ली से भी बेहतर प्रदर्शन करते हुए देश में 24वां स्थान बनाया था। यदि इस बार भी जनता उज्जैन को आरामदायक रहने योग्य शहर के रूप में चुनती है तो राष्ट्रीय स्तर पर शहर की ख्याती और बढ़ जाएगी।

आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय द्वारा देश की सभी स्मार्ट सिटी के बीच लिवेबिलिटी इंडेक्स एसेसमेंट कराया जा रहा है। इसके लिए इज ऑफ लिविंग सर्वे किया जा रहा है। यह सर्वे शहर में रहने के लिए अनुकुल स्थितियों पर आधारित है। सर्वे में आवेदक के नाम, पते सहित कुल 24 सवाल पूछे गए हैं जो शहर की विभिन्न सुविधाओं से संबंधित हैं। यदि सर्वे में उक्त सवालों के जवाब में उज्जैन की सुविधाओं को बेहतर बताया जाता है तो आरामदायक रहने योग्य शहरों में उज्जैन बेहतर पायदान पर पहुंचेगा। बता दें कि इज ऑफ लिविंग इंडेक्स रिपोर्ट-2018 में उज्जैन 43.97 अंक पाकर देश में 24 वे स्थान पर आया था जबकि पुणे 58.11 स्कोर के साथ पहले नंबर पर था। इसके विपरित राजधानी दिल्ली उज्जैन से कई कदम पीछे 65वे नंबर पर थी। इंदौर 8वे और भोपाल 10वे नंबर पर था। समार्ट सिटी में शहर पांच लाख से अधिक और 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों की केटेगरी में हैं। इस केटेगरी में देश के 40 से अधिक शहर शामिल थे जिनमें पहले नंबर पर चंडीगढ़ और छठे नंबर पर उज्जैन था।

 

आसानी से सर्वे में हो सकते हैं शामिल

इज ऑफ लिविंग सर्वे में शामिल होने के लिए दो विकल्प हैं। पहला विकल्प बारकोड का है। इसके जरिए मोबाइल से बारकोड स्केन कर सीधे सर्वे के पेज पर पहुंचा जा सकता है। स्मार्ट सिटी कंपनी ने स्वीमिंगपुल चौराहा सहित विभिन्न स्थानों पर फ्लेक्स लगाकर बारकोड सुविधा उपलब्ध कराई है। इसके अलावा वेबसाइट पर सर्वे शामिल हो सकते हैं। सर्वे में हिंदी भाषा का भी विकल्प दिया है। उक्त सर्वे 29 फरवरी तक चलेगा।

 

अच्छी रेंक से यह मिलेगा फायदा

पसंद बनेगा- मध्यम शहरों में उज्जैन की स्थिति तुलनात्मक बेहतर मिलने से देश में इसका आकर्षण बढ़ेगा। रहने के लिए लोग उज्जैन को पसंद करेंगे।

निवेश- देश में शहर की ख्याती बढऩे से निवेश की उम्मीद बढ़ेगी। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

पर्यटन- धार्मिक नगरी होने के कारण पर्यटन क्षेत्र शहर के लिए महत्वपूर्ण हैं। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

संपत्ति- लोगों की पंसद बनने के कारण यहां जमीनों की कीमत बढ़ेगी।

 

इन खुबियों से शहर बन सकता है लोगों की पसंद

आधारभूत सुविधा- 3 से 10 लाख की आबादी वाले शहरों में उज्जैन का इन्फ्रास्ट्रक्चर काफी बेहतर है। यहां रहने के लिए जरूरी लगभग सभी सुविधाएं उपलब्ध हो जाती है।

यातायात- दूसरे बड़े शहरों की तुलना में यातायाता व्यवस्था बेहतर है। शहर में प्रवेश के साथ ही भ्रमण के लिए पर्याप्त सड़क सुविधा, पार्र्किंग आदि है।

होटल- पर्यटन की दृष्टि से शहर में ठहरने के लिए सामान्य दाम पर बेहतर व पर्याप्त होटल सुविधा उपलब्ध है।

सुरक्षा- लॉ एंड ऑर्डर व जन सुरक्षा के मामले में स्थिति ठीक है। जगह-जगह कैमरे लगे हैं वहीं रात में भी बेखोफ आ-जाया जा सकता है।

आवास- तुलनात्मक आवास सुविधा ठीक है। सामान्य दाम पर किराए पर मकान मिल जाते है वहीं संपत्ति की कीमत भी औसत ही है।

परिवहन- शहर में भ्रमण के लिए पर्याप्त परिवहन सुविधा है। इसके अलावा अन्य शहरों से कनेक्टिविटी भी सुलभ है।

 

इन प्रमुख पैमानों पर परखेंगे शहर की स्थिति

-गुणवत्ता युक्त शिक्षा वहनीय-सस्ती है या नहीं।
– गुणवत्ता भरी स्वास्थ्य सुविधाएं वहनीय-सस्ती है या नहीं।
-किराया, घर वहनीय-सस्ती है या नहीं।
– सफाई व्यवस्था से कितने संतुष्ट हैं।
– अड़ोस-पड़ोस में कचरा उठाने की व्यवस्था से कितने संतुष्ट।
– पानी जमा होने की समस्या कितनी देर में खत्म हो जाती है।
– शहर में यात्रा करना कितना सुरक्षित है।
– शहर में रहना कितना सुरक्षित लगता है।
– आपातकालीन सेवाओं से कितने संतुष्ट हैं।
– सार्वजनिक स्थानों पर महिलाएं कितनी सुरक्षित हैं।
– मनोरंजन की सुविधाओं से कितने संतुष्ट हैं।
– रोजी-रोटी कमाने के लिए आने वालों को शहर मौके प्रदान करता है।
– क्या सम्मानजनक रहने के मान से आपके घर की आमदनी उपयुक्त है।
– क्या शहर की हवा गुणवत्तायुक्त है।
– हरियाली स्तर, बिजली आपूर्ति से कितने संतुष्ट हैं।

 

इनका कहना

इज आफ लिविंग सर्वे शुरु हो चुका है। अपनी केटेगरी के अंतर्गत शहर का इन्फ्रास्ट्रक्चर काफी बेहतर है जिससे उम्मीद है कि उज्जैन को बेहतर पॉजिशन मिलेगी। सर्वे में शहरवासी जितना अधिक फीडबैक देंगे, शहर के बारे में उतनी अधिक जानकारी उपलब्ध होगी। सर्वे में शामिल होने के लिए मय बारकोड विभिन्न स्थानों पर होर्डिंग्स लगाए गए हैं।

– प्रदीप जैन, सीईओ स्मार्ट सिटी कंपनी

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